यह पृथ्वी पर एक अद्भुत परिवर्तन डालता है। जब हम किसी को प्यार से देखते करते हैं, तो उनके मन में भी एक नया उमंग जगमगाता है। यह प्रेरणा हमें और सशक्त बनाती है।
नम्रता, दयालुता, विनम्रता , जाल में फंसाना
एक नाजुक और सुंदर मछली की तरह नम्रता, जब किसी जाल में फंस जाती है तो उसे अपनी छवि से दूर कर देती है। आत्मा को सच्ची विनम्रता ही प्रकाश देता है लेकिन जब यह जाल में फँस जाती है, तब वह एक काल्पनिक परिणाम बन जाती है।
यह जाल हमारे भूले हुए प्यार से बना होता है जो हमें नम्रता की चुप्पी में झूलते हैं। हम खुद को सच्चाई के तल में खो देते हैं और नम्रता का सच्चा अर्थ हमें भूला हो जाता है।
सच्चा हृदय, धोखे का शिकार पीड़ा
ज़िंदगी में हर किसी को देखा जाता है कि सच्चाई सर्वश्रेष्ठ होती है। लेकिन क्या यह हमेशा सच रहता है? कुछ लोग सच्चे दिल से जीते हैं, उनका हृदय शुद्ध होता है और वो दूसरों के साथ प्रेम से व्यवहार करते हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश, ये सच्चे लोग अक्सर धोखे का शिकार होते हैं।
- बहुत लोग झूठ बोलकर और दोस्ती का झांसा लेकर सच्चे लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं।
- सच्चा हृदय इन धोखों से {निराश{ हो जाता है। यह उसके विश्वास को डूबो और उसे दुःखी करता है।
हमें जानना चाहिए कि सच्चाई का साथ हमेशा रहेगा, लेकिन धोखे भी कभी-कभी मिलते हैं। सच्चे लोगों को इन धोखों से निरस्त की आवश्यकता है।
एक दयालुता, एक नुक़सान
किसी भी इंसान की नजर में धोखा का साथ होना बेहद बुरा होता read more है. जब कोई व्यक्ति अपनी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए दूसरों पर निर्धारण स्थापित करता है, तो वह खुद को धक्के से दूर ले जाता है. बुद्धि का मार्ग हमेशा सही होता है और दयालुता भी बहुत जरूरी है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं होना चाहिए कि हम अपनी हदें को भूल जाएँ.
भोलेपन से कीमत
जीवन में हर क्रिया का परिणाम होता है। बहुतों लोग भरोसा के साथ चलते हैं और सीख को महत्व नहीं देते । ये लोग भोलेपन की कीमत का सामना करते हैं।
उदाहरण के लिए , एक सादा व्यक्ति अगर खुद को बेवकूफ महसूस करता है, तो यह उसके जीवन का एक दुखद पड़ाव बन सकता है। कई बार , भोलेपन का शिकार वास्तविक होता है।
इसके कारण, जीवन में हमें बुद्धिमत्ता भी रखनी चाहिए और खुद को भोलेपन से बचाना चाहिए।
दोस्ती से दुश्मनी तक
कभी कभी दोस्ती भी खुद का अंत निकाल देता है। यहाँतक हमेशा ध्यान रखें की कि आप दूसरे के साथ ईमानदारी से पेश आएं। अगर आप भावनाओं को साफ़ी से बताते हैं तो कभी भी प्यार से नफरत तक का रास्ता शुरू होता है।